CAA Kya Hai: मुसलमान ने क्यों किया था CAA कानून का विरोध अब जाने संपूर्ण जानकारी?

CAA Kya Hai: मोदी सरकार ने लोकसभा चुनावों के नजदीक आने पर बड़ा निर्णय लेते हुए CAA कानून को पूरे देश में लागू कर दिया है। जानें पूरी जानकारी नागरिकता संशोधन अधिनियम देश भर में चर्चा का विषय बना हुआ था। मुस्लिम समुदाय के लोग CAA कानून का विरोध कर रहे थे। लेकिन सोमवार के दिन केंद्र सरकार के द्वारा CAA कानून को पूरे देश भर मे लागू कर दिया गया.

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इस कानून के लागू होने पर मुस्लिम समुदाय के लोग शरणार्थी नागरिकता पा सकेंगे. इसके लिए उनको केंद्र सरकार द्वारा जारी किए गए पोर्टल पर आवेदन करना होगा. मोदी सरकार ने लोकसभा चुनाव को देखते हुए यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। 

CAA क्या है?     

सीएए यानी नागरिकता संशोधन अधिनियम (Citizenship Amendment Act) तीन पड़ोसी देशों (बंग्लादेश, अफगानिस्तान और पाकिस्तान) से आए शरणार्थियों को नागरिकता देगा। 2014 के दिसंबर से पहले भारत में आने वाले छह धार्मिक अल्पसंख्यकों (हिंदू, बौद्ध, सिख, जैन, पारसी और ईसाई) को नागरिकता मिलेगी।

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मुस्लिम ने क्यों किया था CAA कानून का विरोध?

CAA कानून लागू होने के बाद मुस्लिम समाज के लोगों ने इन संगठनों को भारी विरोध प्रकट किया था। देश के कई हिस्सों मे विरोध प्रदर्शन किया गया था। CAA कानून अब लागू होने के बाद मुस्लिम समाज और संस्थाओं ने फिर से इसका विरोध करना शुरू किया है। इस कानून के खिलाफ कई मुस्लिम नेताओं ने बयान देना शुरू कर दिया है।   

मुस्लिम समाज का मानना है कि इस कानून से मुस्लिमों को बाहर रखना गलत है। यह समानता के अधिकार के खिलाफ है और इससे देश की एकता और अखंडता खराब होगी। कुछ मुस्लिम संगठनों का कहना है कि CAA के बहाने मुसलमानों को परेशान किया जा सकता है। साथ ही, कई मुस्लिम संस्थाओं का कहना है कि CAA पूर्वोत्तर राज्यों का नाम बदल सकता है।

राष्ट्रपति ने CAA पर दी मंजूरी?

11 दिसंबर 2019 को सीएए भारतीय संसद में पारित हुआ था 125 लोग इनके पक्ष में वोट दिये थे, जबकि 105 लोग इनके खिलाफ वोट थे। 12 दिसंबर को इस विधेयक को राष्ट्रपति ने मंजूरी दे दी थी। 

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