UP Police Exam News: उत्तर प्रदेश सरकार ने शनिवार को महत्वपूर्ण निर्णय लिया और पुलिस सिपाही भर्ती परीक्षा को रद्द कर दिया। परीक्षा में पेपर लीक होने के बाद अभ्यर्थियों ने विरोध प्रदर्शन किया था और उनकी मांग थी कि परीक्षा को फिर से आयोजित किया जाए। उत्तर प्रदेश पुलिस सिपाही भर्ती परीक्षा को लेकर योगी सरकार ने साफ रुख किया है। पिछले 17 और 18 फरवरी को आयोजित परीक्षा को रद्द कर दिया गया है। इस निर्णय के साथ ही, बरेली मंडल के चारों जिलों में भी अभ्यर्थियों ने आपत्ति दर्ज कराई और अधिकारियों को अपनी मांगों का ज्ञापन दिया।
हाल ही में आयोजित होने वाली यूपी पुलिस सिपाही भर्ती परीक्षा के पेपर लीक होने की खबरों के बाद, सरकार ने इसे तत्काल रद्द कर दिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घोषणा की है कि परीक्षा को छह महीने के भीतर पूर्ण शुचिता के साथ आयोजित किया जाएगा। उन्होंने युवाओं की मेहनत को सम्मान दिया है और उनकी सुरक्षा के लिए सख्त कदम उठाने का आश्वासन दिया है। ऐसे व्यक्तियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी जो परीक्षा की शुचिता को ध्वस्त करने की कोशिश करते हैं। पेपर लीक करने वालों को एसटीएफ की नजर में रहना चाहिए, और अब तक कई लोग गिरफ्तार किए गए हैं।
मुख्यमंत्री जी बोले “परीक्षाओं की शुचिता से कोई समझौता नहीं”
“परीक्षाओं की शुचिता से कोई समझौता नहीं” – यह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के एक पोस्ट में दिए गए निर्देश का महत्वपूर्ण हिस्सा है। उन्होंने आरक्षी नागरिक पुलिस के पदों के लिए आयोजित हो रही परीक्षा-2023 को निरस्त करने का आदेश जारी किया है, और इसे आगामी छह माह के भीतर पुनः आयोजित किया जाएगा। उन्होंने यह भी उजागर किया कि परीक्षाओं की शुचिता के साथ कोई समझौता नहीं किया जा सकता है। इसी दिशा में, गृह विभाग ने उनके निर्देशों का पालन करते हुए परीक्षा को निरस्त करने का आदेश जारी किया है। नवीनतम अपडेट के अनुसार, संबंधित तथ्यों और सूचनाओं के परीक्षण के आधार पर, सरकार द्वारा परीक्षा को निरस्त करने का निर्णय लिया गया है। यह निर्णय शिक्षात्मक और सामाजिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है और नागरिकों के हित में किया गया है।
आरोपियों को सजा मिलनी तय है
जिले के प्रभारी मंत्री जयवीर सिंह ने शनिवार को बरेली पहुंचकर एक महत्वपूर्ण बयान दिया, जिसमें उन्होंने साफ कहा है कि सेंधमारी करने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। इस परिस्थिति की निष्पक्ष और पारदर्शिता से जांच की जा रही है और कई आरोपियों को जेल भेजने का कार्य किया गया है। उन्होंने साफ किया कि किसी भी हाल में, सिपाही भर्ती परीक्षा में सेंधमारी करने वालों को किसी भी कीमत पर माफ नहीं किया जाएगा।
छह महीने के अन्दर फिर से होगी परीक्षा : आने जाने के लिए परिवहन नि:शुक्ल सुविधा भी मिलेगी
सरकार ने नौकरी के बोर्ड को यह दिशा-निर्देश दिए हैं कि जहां भी लापरवाही का मामला सामने आया है, उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी, जिसमें एफआईआर दर्ज कराने की संभावना है। सरकार ने इस मामले की जाँच को एसटीएफ के माध्यम से करने का निर्णय लिया है, और दोषी पाए जाने वाले व्यक्तियों या संस्थाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। सरकार ने छह महीने के भीतर पूर्ण शुद्धता के साथ परीक्षा आयोजित करने का आदेश दिया है, साथ ही उत्तर प्रदेश परिवहन निगम की सेवाओं से अभ्यर्थियों को निःशुल्क सुविधा उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं।
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